केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट, तुरंत पढ़ें!

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए CGHS यानी सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम एक ऐसी सुविधा है जो स्वास्थ्य सेवा का अहम स्तंभ बनी हुई है। पिछले दस सालों में इस योजना में काफी सुधार हुए हैं, खासकर 7वें वेतन आयोग के दौरान, जब इसे डिजिटल और आसान बनाने पर खास ध्यान दिया गया। अब जबकि 8वें वेतन आयोग की तैयारी चल रही है, कर्मचारियों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या CGHS को पूरी तरह बदलकर कोई नई इंश्योरेंस आधारित योजना लायी जाएगी।

CGHS में हुए सुधारों की झलक

कुछ वर्षों में CGHS ने कई नई सुविधाएं दी हैं। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी के आधार पर अस्पतालों में वार्ड की कैटेगरी तय की जाती है। इससे कर्मचारियों को अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार इलाज का विकल्प मिलता है।

डिजिटल क्रांति और 2025 के नियम

इस साल CGHS ने डिजिटल प्लेटफॉर्म को और मजबूत किया है। मेडिकल उपकरणों की मंजूरी पूरी तरह ऑनलाइन होने लगी है। पेमेंट सिस्टम में भी HMIS पोर्टल को लागू किया गया है, जिससे सभी भुगतान डिजिटल माध्यम से होते हैं। MyCGHS ऐप की मदद से कार्ड ट्रांसफर, डिपेंडेंट्स जोड़ना जैसे काम घर बैठे किए जा सकते हैं। अब मरीज की फोटो केवल अस्पताल में भर्ती और छुट्टी के समय ही जरूरी होगी। फिजियोथेरेपी सेवा को घर तक पहुंचाने की सुविधा भी शुरू की गई है, जिससे मरीजों को बड़ी मदद मिली है।

8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीदें हैं?

8वें वेतन आयोग की घोषणा हो चुकी है, लेकिन इसकी टीम का गठन अभी बाकी है। इसलिए सैलरी और पेंशन में बदलाव अगले कुछ वर्षों में ही संभव है। हालांकि आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू मानी जाएंगी। इस बीच चर्चा है कि CGHS की जगह एक नई इंश्योरेंस आधारित योजना, CGEPHIS, लाई जा सकती है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाएगी। कर्मचारियों की मांग है कि नई योजना लागू होने तक CS(MA) और ECHS अस्पतालों को CGHS में शामिल किया जाए।

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