डिजिटल इंडिया की दिशा में बिहार की बड़ी छलांग
बिहार सरकार की योजना के तहत कक्षा 6 से 12 तक के एक करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), कंप्यूटर स्किल्स, डेटा एनालिसिस, क्रिएटिव थिंकिंग और प्रॉब्लम-सॉल्विंग जैसी 21वीं सदी की महत्वपूर्ण क्षमताएं सिखाई जाएंगी। यह पहल सीधे तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के उस दृष्टिकोण से जुड़ी हुई है, जिसमें शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर बच्चों को व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान से लैस करने की बात कही गई है।
Adobe के साथ साझेदारी: तकनीक और शिक्षा का संगम
राज्य सरकार Adobe जैसी वैश्विक टेक कंपनी के साथ मिलकर इस योजना को धरातल पर उतारेगी। Adobe का डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म बच्चों के लिए एक इंटरेक्टिव और रोचक अनुभव प्रदान करेगा, जिसमें ऑडियो-विजुअल कंटेंट, एनिमेशन, क्विज़ और प्रोजेक्ट-आधारित लर्निंग शामिल होगी। इससे छात्रों को जटिल विषयों को समझने में आसानी होगी और सीखना एक मजेदार अनुभव बन जाएगा।
पायलट से पूरे राज्य तक: क्रियान्वयन की ठोस योजना
शिक्षा विभाग ने यह योजना 2025-26 सत्र से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ चुने हुए स्कूलों में लागू करने की योजना बनाई है। इस चरण में कार्यक्रम की गुणवत्ता, शिक्षक प्रशिक्षण, और टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद 2026-27 तक इस योजना को राज्य के सभी मिडल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लागू किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शहरी और ग्रामीण - दोनों क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर मिले।
समावेशी शिक्षा की ओर एक कदम, भविष्य की तैयारी
इस पहल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह ग्रामीण भारत के बच्चों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने का मौका देगा। अब गांवों के बच्चे भी उसी स्तर की डिजिटल ट्रेनिंग पाएंगे जो अभी तक केवल शहरी स्कूलों में उपलब्ध थी। AI और डिजिटल स्किल्स की शिक्षा न केवल बच्चों को आने वाले समय की नौकरियों के लिए तैयार करेगी, बल्कि उनमें समस्या सुलझाने की क्षमता, तार्किक सोच, और नवाचार जैसे गुण भी विकसित करेगी।
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