अब तक क्या हुआ है?
केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन का संकेत दिया था, लेकिन इसके बाद से आयोग की Terms of Reference (ToR), चेयरपर्सन और अन्य सदस्यों की घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि आयोग का कामकाज अब तक शुरू नहीं हो पाया है। इस देरी से यह संभावना और मजबूत हो रही है कि नई सिफारिशें 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत तक ही लागू हो पाएंगी।
7वें वेतन आयोग से क्या सीख मिली?
अगर 7वें वेतन आयोग की प्रक्रिया को देखा जाए, तो इसे लागू होने में लगभग 34 महीने लगे थे। इसका गठन फरवरी 2014 में हुआ था, रिपोर्ट नवंबर 2015 में सौंपी गई, और नई सैलरी जनवरी 2016 से प्रभाव में आई थी। ऐसे में अगर 8वां आयोग भी इसी रास्ते पर चला, तो कर्मचारियों को 2028 तक इंतजार करना पड़ सकता है।
तेजी लाने की संभावनाएं कितनी हैं?
आज के डिजिटल युग में कई प्रक्रियाएं पहले की तुलना में तेज हो गई हैं। आयोग की रिपोर्टिंग, आंकड़ों का संकलन और विश्लेषण जैसे काम अब ऑनलाइन माध्यम से तेजी से हो सकते हैं। यदि सरकार जल्द ToR तय करती है और आयोग का गठन पूरा हो जाता है, तो यह मुमकिन है कि रिपोर्ट अपेक्षित समय से पहले तैयार हो जाए। फिर भी, अब तक की देरी को देखते हुए यह सिर्फ एक आशा ही कही जा सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया क्या रही है?
राज्यसभा में हाल ही में एक प्रश्न के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि सरकार को विभिन्न पक्षों से सुझाव प्राप्त हुए हैं और जल्द ही औपचारिक अधिसूचना जारी की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग तय समयसीमा के भीतर ही अपनी रिपोर्ट देगा, जो ToR में निर्धारित की जाएगी।
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