Pinaka Mk-IV: भारत का नया 300 किमी रेंज वाला रॉकेट लॉन्चर

नई दिल्ली। हिंद महासागर में बढ़ते तनाव और सुरक्षा खतरों को देखते हुए भारत अपनी समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए लगातार नए हथियार विकसित कर रहा है। इसी कड़ी में, भारत का स्वदेशी रॉकेट सिस्टम Pinaka Mk-IV अब नौसेना के लिए एक विशेष संस्करण के रूप में तैयार हो रहा है, जो दुश्मन के जहाजों को सैकड़ों किलोमीटर दूर से निशाना बनाने में सक्षम होगा।

नौसेना के लिए खास डिजाइन

इस नए संस्करण को रक्षा अनुसंधान संगठन DRDO की विभिन्न शाखाओं जैसे ARDE, RCI, और DRDL ने मिलकर विकसित किया है। इसका मकसद भारतीय नौसेना को तटीय रक्षा के लिए एक किफायती और प्रभावी हथियार प्रदान करना है, जो जमीन-आधारित बैटरियों से तैनात किया जा सके। यह सिस्टम विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के दुश्मन के जहाजों जैसे कि पाकिस्तान के अजमत-श्रेणी और MRTP-33 को रोकने के लिए तैयार किया जा रहा है।

Pinaka Mk-IV की तकनीकी खूबियां

Pinaka Mk-IV अपने पूर्ववर्ती मॉडलों से कई मायनों में बेहतर है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी लंबी मारक क्षमता है, जो 300 किलोमीटर तक है। यह एक गाइडेड रॉकेट है, जो उच्च सटीकता के साथ अपने लक्ष्य पर हमला कर सकता है, जिससे मिसाइल का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होता है।

रॉकेट का कैलिबर 300mm है, जो पिछले 214mm मॉडल से अधिक है, और यह 250 किलोग्राम तक का वारहेड ले जाने में सक्षम है। इससे इसका विनाशक शक्ति काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा, इस रॉकेट में DRDO की 'प्रलय' मिसाइल से प्रेरित अत्याधुनिक तकनीकें शामिल हैं, जिसमें अर्ध-बैलिस्टिक मार्गदर्शन और मार्ग बदलने की क्षमता भी शामिल है।

आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीकें

Pinaka Mk-IV में इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर (ECM) सिस्टम भी है, जो दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में मदद करता है। यह तकनीक रॉकेट को अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाती है, जिससे इसे टारगेट तक पहुंचने से रोकना मुश्किल हो जाता है।

भविष्य की समुद्री सुरक्षा के लिए भारत का नया कदम

Pinaka Mk-IV नौसेना संस्करण भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे न केवल भारत की तटीय सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि यह एक सस्ता और भरोसेमंद विकल्प भी पेश करेगा, जो महंगी मिसाइल प्रणालियों की जगह ले सकेगा। जैसे-जैसे हिंद महासागर में सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं, इस तरह की स्वदेशी तकनीक भारत को मजबूती प्रदान करेगी।

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