मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान की शुरुआत के पीछे के मकसद को साफ करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य दंडित करना नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक को कानून का पालन करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लें, क्योंकि हेलमेट पहनना केवल एक नियम नहीं बल्कि अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का अधिकार है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा, “पहले हेलमेट, बाद में ईंधन।”
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने पेट्रोल पंप संचालकों से इस अभियान में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि हेलमेट पहनने की आदत जल्दी ही बाइक चालकों में जागरूकता और सुरक्षा को बढ़ावा देती है। उन्होंने बताया कि खाद्य एवं रसद विभाग की टीम पेट्रोल पंपों पर निगरानी रखेगी ताकि अभियान प्रभावी ढंग से लागू हो और नियमों का उल्लंघन न हो।
बता दें की यह पहल खासतौर पर उन बाइक चालकों के लिए है, जो हेलमेट पहनने में लापरवाही बरतते हैं। ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़क पर नियमों का सख्ती से पालन हो और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आए।
यूपी सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जान-माल की हानि को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उम्मीद है कि इस अभियान के माध्यम से प्रदेश के लोग नियमों का सम्मान करेंगे और सुरक्षित सवारी को अपनी आदत बनाएंगे।
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