मौसम का वैज्ञानिक कारण
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, उत्तर-पूर्वी असम और आसपास के क्षेत्रों में औसतन समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है, जो बिहार में बारिश के बने रहने का प्रमुख कारण है। इस परिसंचरण के चलते अगले पांच दिनों तक राज्य के अधिकतर हिस्सों में बारिश और आंधी-तूफान का खतरा बना रहेगा।
बारिश से प्रभावित जिले
चार सितंबर तक बिहार के लगभग हर जिले में कहीं न कहीं बारिश हो सकती है। खास तौर पर सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया जिलों में कुछ स्थानों पर तेज बारिश और वज्रपात की आशंका बनी हुई है।
सावधानी बरतने की जरूरत
बारिश और वज्रपात के चलते जलभराव और बिजली गिरने जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए लोगों को मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को गंभीरता से लेना चाहिए। खासकर ग्रामीण और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। सड़क मार्ग और जलमार्ग पर यात्रा करते समय सावधानी बरतनी होगी। किसानों को भी अपने खेतों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए, ताकि फसलों को नुकसान न पहुंचे।
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