यूपी में आउटसोर्स कर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित "आउटसोर्स सेवा निगम" का गठन राज्य के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह कदम न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि उन्हें वह मान्यता और स्थायित्व भी दिलाएगा जिसकी लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी।

क्या है प्रस्तावित आउटसोर्स सेवा निगम?

उत्तर प्रदेश सरकार कंपनीज एक्ट-2013 की धारा 8 के तहत एक विशेष निगम गठित करने जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य के 92 विभागों, स्थानीय निकायों, माध्यमिक और उच्च शिक्षण संस्थानों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा प्रदान करना है। यह निगम केवल भर्ती का माध्यम नहीं होगा, बल्कि यह वेतन, सेवा शर्तों, सामाजिक सुरक्षा और कार्य संतोष जैसे अहम पहलुओं पर भी काम करेगा।

संभावित लाभ: केवल वेतन नहीं, पूरे जीवन की सुरक्षा

इस प्रस्तावित निगम के गठन से जो सबसे महत्वपूर्ण बदलाव सामने आएंगे, वे निम्नलिखित हैं:

वेतन में बढ़ोतरी: आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम मानदेय ₹16,000 प्रति माह निर्धारित किया जा सकता है, जबकि अधिकतम वेतन ₹3 से ₹5 लाख प्रति वर्ष तक जा सकता है।

समय पर वेतन भुगतान: हर माह की 5 तारीख तक वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक अस्थिरता से राहत मिलेगी।

छुट्टियों का लाभ: कर्मचारियों को 12 आकस्मिक अवकाश (CL) और 10 चिकित्सा अवकाश (ML) की सुविधा उपलब्ध होगी, जो अब तक केवल नियमित कर्मचारियों को ही मिलती रही है।

बीमा व सुरक्षा लाभ: दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिवार को ₹30 लाख तक की आर्थिक सहायता मिलेगी बिना किसी प्रीमियम के। ईपीएफ (EPF) और अन्य बीमा योजनाएं लागू की जाएंगी। 60 वर्ष तक कार्य करने की अनुमति और इसके बाद ₹1,000 से ₹7,500 तक मासिक पेंशन का प्रावधान। अविवाहित कर्मचारी की मृत्यु पर माता-पिता को ₹1,000 से ₹2,900 तक पेंशन। निःशुल्क इलाज की सुविधा का भी प्रस्ताव है।

आरक्षण और प्राथमिकता: भर्तियों में SC, ST, OBC, EWS, महिलाओं, दिव्यांगों और पूर्व सैनिकों को आरक्षण मिलेगा। परित्यक्ता, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

0 comments:

Post a Comment