यूपी में 'कर्मचारियों' को 7 बड़ी खुशखबरी, लाभ ही लाभ!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। श्रम मंत्री अनिल राजभर ने रविवार को लोक भवन में बताया कि नई श्रम संहिता अब प्रदेश में प्रभावी हो चुकी है और इसके कई अहम बदलाव कर्मचारियों और उद्योगों दोनों के लिए लाभकारी होंगे। नई संहिता से श्रम कानूनों की जटिलताओं में कमी आई है और कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा भी मजबूत हुई है।

मुख्य बदलाव और कर्मचारी लाभ

1 .छंटनी और बंदी में सरकार की अनुमति अनिवार्य

300 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में अब छंटनी या बंदी से पहले प्रदेश सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इससे कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा मिलेगी और मनमाने तरीके से होने वाली छंटनी पर रोक लगेगी।

2 .सामूहिक अवकाश और हड़ताल पर नियंत्रण

अब किसी भी हड़ताल या तालाबंदी में सामूहिक अवकाश को भी शामिल किया गया है। 14 दिनों की पूर्व सूचना के बिना हड़ताल या तालाबंदी करना अवैध होगा।

3 .शिकायत निवारण और औद्योगिक विवाद समाधान

उद्योग और श्रमिकों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए शिकायत परितोष समिति, वार्ताकारी परिषद और दो सदस्यीय औद्योगिक अधिकरण का गठन किया गया है।

4 .पारदर्शिता और ऑनलाइन निरीक्षण व्यवस्था

अब निरीक्षण पूरी तरह ऑनलाइन होंगे और “इंस्पेक्टर राज” की व्यवस्था समाप्त हो गई है। किसी भी प्रथम उल्लंघन की स्थिति में नियोक्ता जुर्माने का 50 प्रतिशत देकर उपशमन प्राप्त कर सकते हैं।

5 .वेतन और सामाजिक सुरक्षा लाभ

न्यूनतम वेतन अब संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों पर लागू होगा। सेवा समाप्ति या त्यागपत्र की स्थिति में दो दिनों के भीतर सभी देयक का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

6 .ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन मिलेगा।

वेतन से कटौती की अधिकतम सीमा अब 50 प्रतिशत होगी। सभी कर्मचारियों को वेज-स्लिप देना अनिवार्य किया गया है।

7 .गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को अधिकार

पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को वैधानिक रूप से परिभाषित किया गया है। इन्हें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया गया है, जिससे उनके अधिकारों की सुरक्षा होगी।

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