आईडब्ल्यूआई के सीईओ शुकी श्वार्ट्ज ने बताया कि कंपनी वर्तमान में भारत के साथ तीन प्रमुख कार्यक्रमों पर काम कर रही है। इनमें पहला कार्यक्रम लाइट मशीन गन की आपूर्ति का है, जिसकी पूरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है और उत्पादन के लिए लाइसेंस भी प्राप्त किया जा चुका है।
पहली खेप और आपूर्ति की योजना
श्वार्ट्ज ने कहा कि साल की शुरुआत में 40,000 लाइट मशीन गन की पहली खेप भेजी जाएगी। यह आपूर्ति अगले पांच वर्षों में नियमित रूप से जारी रहेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस खेप को और जल्दी देने की क्षमता है, लेकिन प्रारंभिक आपूर्ति तय समय पर ही होगी।
सीक्यूबी कार्बाइन और स्थानीय उत्पादन
दूसरे कार्यक्रम में सीक्यूबी (क्लोज क्वार्टर्स बैटल) कार्बाइन की आपूर्ति शामिल है। इसमें आईडब्ल्यूआई अनुबंध का 40 प्रतिशत पूरा करेगी, जबकि भारत में अदाणी समूह की सहायक कंपनी पीएलआर सिस्टम्स बाकी 60 प्रतिशत कार्बाइन का निर्माण करेगी। इस साझेदारी का उद्देश्य हल्के हथियारों के निर्माण और स्थानीय स्तर पर आर्बेल प्रणाली के एकीकरण को बढ़ावा देना है।
इजरायल के फैसले से भारत के लिए लाभ
इस सौदे से न केवल भारत की सुरक्षा और सशस्त्र बलों की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि घरेलू उद्योगों को भी समर्थन मिलेगा। स्थानीय उत्पादन और साझेदारी के माध्यम से हथियारों का निर्माण भारत में ही होगा, जिससे रोजगार और तकनीकी विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

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