अभियान का उद्देश्य: जनता की सुरक्षा सर्वोपरि
अवैध शराब से हर साल सैकड़ों लोगों की जान जाती है। वहीं मादक पदार्थ न केवल युवाओं का भविष्य बर्बाद करते हैं बल्कि समाज में अपराध को भी बढ़ावा देते हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने यह अभियान जनता की सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता के तौर पर शुरू किया है।
कड़े कदम: विशेष अभियान ने बढ़ाई सक्रियता
त्योहारों के दौरान अवैध शराब की मांग बढ़ जाती है, जिसे देखते हुए सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में अक्टूबर तक 5 विशेष अभियान चलाए। अभियान का छठा चरण 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक चल रहा है। इस दौरान गांवों में तलाशी अभियान, शहरों में रातभर गश्त, सीमावर्ती क्षेत्रों में बैरियर जांच, और संदिग्ध गतिविधियों पर त्वरित एक्शन जैसे कदम तेजी से उठाए जा रहे हैं। इन अभियानों से न केवल अवैध शराब की आपूर्ति पर रोक लगी है, बल्कि इससे जुड़े नेटवर्क भी लगातार ध्वस्त हो रहे हैं।
सरकार की रणनीति: कठोरता और पारदर्शिता का संगम
उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग सिस्टम: हर जिले में बनी विशेष टीम कार्यवाही की सतत रिपोर्टिंग कर रही है।
कानूनी कार्यवाही में तेजी: गिरफ्तार आरोपियों पर त्वरित मुकदमे और सख्त धाराओं का उपयोग किया जा रहा है।
जनजागरूकता अभियान: सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अवैध शराब के खतरे और कानून की जानकारी भी दे रही है।
तकनीक का बड़ा उपयोग: ड्रोन, GPS और डिजिटल सर्विलांस से तस्करों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है।

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