किताबों की आपूर्ति पर निगरानी होगी सख्त
किताबों को सुरक्षित और समय पर विद्यालयों तक भेजने के लिए विभाग ने वाहनों में GPS सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा संकुल संसाधन केंद्रों के समन्वयकों को निर्देश है कि वे प्रत्येक विद्यालय से कक्षा-वार विद्यार्थियों की संख्या ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि किताबों की संख्या में कोई कमी या गड़बड़ी न हो।
छप रहीं हैं 6 करोड़ 86 लाख किताबें
शिक्षा विभाग के अनुसार, पहली से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए कुल 6 करोड़ 86 लाख पुस्तकें छपाई जा रही हैं। सभी किताबें कोडिंग के साथ जिलों को भेजी जाएंगी, जिससे वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारु बनी रहे।
हर विद्यार्थी को मिलेगा स्टूडेंट किट
इस बार राज्य सरकार ने सिर्फ किताबें ही नहीं, बल्कि सभी प्रारंभिक विद्यालयों के साथ-साथ माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी (कक्षा 1 से 12 तक) बच्चों को स्टूडेंट किट देने का निर्णय लिया है। स्टूडेंट किट में शामिल होंगे स्कूल बैग, पेंसिल और पेन, रबर और स्टेशनरी, नोटबुक, ड्राइंग कॉपी, रंग और चार्ट पेपर, अन्य आवश्यक अध्ययन सामग्री। इस पहल से लाखों बच्चों की शैक्षणिक जरूरतें बिना किसी आर्थिक भार के पूरी होंगी।
शिक्षा को मजबूत आधार देने की कोशिश
बिहार सरकार का यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और बच्चों को बुनियादी संसाधन सुलभ कराने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी बच्चे की पढ़ाई संसाधनों की कमी के कारण बाधित न हो।

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