पहले बैंकों को मासिक आधार पर जानकारी अपडेट करनी पड़ती थी, बाद में यह अवधि 15 दिन कर दी गई थी। अब इसे और कड़ा करते हुए RBI ने साप्ताहिक रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी है। इससे लोगों को किसी भी जरूरी काम के लिए लोन लेना आसान होगा।
साप्ताहिक रिपोर्टिंग की प्रक्रिया
1 .बैंक हर महीने की 9, 16, 23 तारीख और महीने के अंतिम दिन अपनी क्रेडिट जानकारी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (CICs) को भेजेंगे।
2 .महीने के अंतिम दिन की पूरी क्रेडिट जानकारी (फुल फाइल) अगले महीने की 5 तारीख तक उपलब्ध करानी होगी। इसमें सभी सक्रिय लोन अकाउंट्स और हाल ही में बंद हुए खाते शामिल होंगे।
3 .अन्य तारीखों (9, 16, 23) पर बैंक केवल नए या अपडेट हुए लोन रिकॉर्ड (इन्क्रिमेंटल अकाउंट्स) भेजेंगे। यह डेटा चार दिन के भीतर CICs को जमा करना होगा।
4 .इस बदलाव से क्रेडिट रिपोर्टिंग की समयबद्धता और सटीकता बढ़ेगी, जिससे बैंक ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर के आधार पर तेज और सही निर्णय ले सकेंगे।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ-साथ ग्राहकों को भी लोन लेने में सुविधा और तेजी देगा। डिजिटल और स्मार्ट बैंकिंग को बढ़ावा मिलेगा और वित्तीय प्रणाली को और मजबूत किया जा सकेगा।

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