एसबीआई ने बढ़ाया अनुमान
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने वित्तीय वर्ष के लिए अपने अनुमान को 7.5% से बढ़ाकर 7.6% कर दिया है। एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्याकांति घोष के अनुसार, दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.5% से 7.7% और मार्च तिमाही में लगभग 7% रहने की संभावना है। पहले से ही रिकॉर्ड की गई इस तेजी ने भारत को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर और मजबूत बना दिया है।
5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था की ओर
घोष ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस गति के साथ भारत की अर्थव्यवस्था मार्च 2026 तक 4 ट्रिलियन डॉलर के निशान को पार कर सकती है। वहीं वित्तीय वर्ष 2026-27 तक यह 4.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इसी रफ्तार के साथ भारत मार्च 2029 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में है।
घरेलू मांग और सेवा क्षेत्र की मजबूती
भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से घरेलू मांग पर आधारित है। निजी उपभोग में 7.9% की बढ़ोतरी हुई जबकि पूंजी निर्माण यानी कैपिटल फॉर्मेशन में 7.3% की वृद्धि दर्ज की गई। सेवा और विनिर्माण क्षेत्र ने भी जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें क्रमशः 9.2% और 9.1% की ग्रोथ रही। इस वृद्धि का मुख्य आधार कम महंगाई, श्रम-गहन क्षेत्रों में विस्तार और सेवा निर्यात रहा।
निर्यात और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बड़ी बढ़ोत्तरी
वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में अमेरिका के टैरिफ से बचने के लिए निर्यात में बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन दूसरी छमाही में यह तेजी थोड़ी धीमी पड़ सकती है। इसके बावजूद भारत ने निर्यात में 5.6% की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से बेहतर है।
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