सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह बढ़ोतरी श्रम विभाग द्वारा निर्धारित मानकों, शर्तों और प्रतिबंधों के तहत लागू की गई है। यह कदम राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों के प्रति उनकी सेवाओं को सम्मान देने और उनका उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस फैसले से न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि यह सरकार की कार्यशैली में कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता देने का एक ठोस उदाहरण भी है। राज्य सरकार ने इस वृद्धि के साथ यह संदेश दिया है कि वह अपने कर्मचारियों की मेहनत और योगदान को उचित मान्यता देती है।
नई व्यवस्था के अनुसार:
अधीक्षक-प्रबंधक का मानदेय तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 12,661 रुपये कर दिया गया है।
पुस्तकालयाध्यक्ष का मानदेय दो हजार रुपये से बढ़ाकर 12,661 रुपये किया गया है।
रसोइया और कहार का मानदेय तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 11,303 रुपये किया गया है।
सफाई कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का मानदेय 1,500 रुपये से बढ़ाकर 10,275 रुपये कर दिया गया है।
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