निगम बनने के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों को न केवल सुरक्षित नौकरी का भरोसा मिलेगा, बल्कि उन्हें 12 नई सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी, जो पहले सिर्फ स्थायी कर्मचारियों को ही मिलती थीं। इसे जल्द ही राज्य के सभी जिलों में लागू किया जायेगा।
महिला कर्मियों के लिए विशेष सुविधाएं
180 दिन की पेड मैटरनिटी लीव मिलेगी, जिससे मातृत्व के दौरान महिला कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। वहीं, मिसकैरेज (गर्भपात) की स्थिति में भी 42 दिन की पेड छुट्टी दी जाएगी।
बीमारियों और चिकित्सा सुरक्षा पर जोर
किसी भी गंभीर बीमारी की स्थिति में 91 दिनों तक 70% वेतन सहित अवकाश मिलेगा। साथ ही ईएसआई चिकित्सालयों में मुफ्त इलाज और जांचें की जाएंगी। वहीं, कर्मचारियों के बच्चों को ईएसआई संस्थानों में सीट आरक्षण का लाभ मिलेगा।
दुर्घटना या मृत्यु पर मुआवजा और पेंशन की सुविधा
दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिजनों को ₹2.50 लाख से ₹7 लाख तक की सहायता राशि दी जाएगी। सामान्य मृत्यु पर ₹2 लाख और दुर्घटना में मृत्यु पर ₹5 लाख की सहायता राशि तय की गई है। सेवा पूरी करने के बाद पेंशन की सुविधा भी मिलेगी। कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी या माता-पिता को पेंशन दी जाएगी।
इन कर्मचारियों को अब छुट्टी और भत्ता का भी लाभ मिलेगा
साल में 12 आकस्मिक (कैजुअल) अवकाश, साल में 10 दिन का चिकित्सा अवकाश, सरकारी कार्य से मुख्यालय से बाहर जाने पर टीए-डीए (यात्रा भत्ता) का लाभ मिलेगा।
सरकार का उत्पीड़न से राहत और पारदर्शी व्यवस्था की ओर कदम
अब तक आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन में देरी, कटौती और नौकरी की अनिश्चितता का सामना करना पड़ता था। लेकिन सरकार के नए कदम से यह सब खत्म होगा। नई व्यवस्था पारदर्शिता, सुरक्षा और सम्मानजनक कार्य संस्कृति को बढ़ावा देगी।
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