‘भारत से, भारत के लिए’: साझेदारी
लॉकहीड मार्टिन ने अपने प्रस्ताव को ‘भारत से, भारत के लिए’ की नीति के तहत पेश किया है। कंपनी का दावा है कि अगर भारत इस सौदे को मंजूरी देता है, तो एफ-21 फाइटर जेट का निर्माण भारत में ही किया जाएगा। इसके लिए अमेरिकी कंपनी ने पहले ही टाटा ग्रुप के साथ साझेदारी कर ली है। यह डील भारत के रक्षा विनिर्माण सेक्टर को बड़ा बढ़ावा दे सकती है और "मेक इन इंडिया" को मजबूत कर सकती है।
एफ-21: एफ-16 का उन्नत रूप
F-21 तकनीकी रूप से F-16 ब्लॉक 70 पर आधारित है लेकिन इसमें F-35 लाइटनिंग II और F-22 रैप्टर जैसे एडवांस एवियोनिक्स का समावेश किया गया है। इसमें एडवांस APG-83 AESA रडार, लंबी दूरी की IRST, बड़ी स्क्रीन डिस्प्ले, ट्रिपल मिसाइल लॉन्च एडेप्टर, और दोनों प्रकार के एयरियल रिफ्यूलिंग (प्रोब/ड्रग और बूम) की सुविधा मौजूद है। इसके साथ ही इसकी सर्विस लाइफ 12,000 घंटे की बताई गई है, जो अन्य विमानों की तुलना में अधिक है।
कीमत और मेंटिनेंस: प्रमुख आकर्षण
लॉकहीड मार्टिन का दावा है कि F-21, राफेल, यूरोफाइटर टाइफून और F-15EX जैसे अन्य फाइटर जेट्स की तुलना में किफायती है और उसके मेंटिनेंस की लागत भी अपेक्षाकृत कम होगी। अमेरिकी कंपनी इसे भारत की वायुसेना के लिए एक दीर्घकालिक, भरोसेमंद और आधुनिक विकल्प के रूप में पेश कर रही है।
F-35 की भी चर्चा, लेकिन कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं
उल्लेखनीय है कि अमेरिका की ओर से भारत को F-35 लाइटनिंग II का भी ऑफर दिए जाने की अटकलें लगाई जाती रही हैं, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई औपचारिक प्रस्ताव सामने नहीं आया है। ऐसे में माना जा रहा है कि फिलहाल अमेरिका एफ-21 को ही भारत के MRFA प्रोग्राम में प्रमुख दावेदार के रूप में पेश करता रहेगा।
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