राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था डिजिटल गवर्नेंस और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम न सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी लाएगा, बल्कि कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सुनियोजित निगरानी को भी सुनिश्चित करेगा।
1. जांच और अभियोजन की जानकारी अब पोर्टल पर अनिवार्य
अब किसी भी कर्मचारी के खिलाफ चल रही विभागीय जांच, सतर्कता जांच या अभियोजन की जानकारी मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे नियुक्ति, पदोन्नति, विदेश यात्रा जैसे मामलों में पारदर्शिता आएगी।
2. सभी सेवा विवरण होंगे डिजिटल और केंद्रीकृत
कर्मचारियों की नियुक्ति, अवकाश, स्थानांतरण, एपीआर (वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट), वेतन और सेवा पुस्तिका का प्रबंधन अब पूरी तरह मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इससे राज्य के लगभग 8 लाख कर्मचारियों का डेटा एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा।
3. निर्णय लेने में आएगी तेजी
इस नई व्यवस्था से सरकारी कर्मचारियों के पोस्टिंग, प्रमोशन या अन्य निर्णयों के लिए अधिकारियों को अब कर्मचारी की पूरी जांच पृष्ठभूमि तुरंत उपलब्ध होगी, जिससे फाइलों की अनावश्यक देरी से छुटकारा मिलेगा और निर्णय प्रक्रिया तेज होगी।
4. विभागों को डेटा अपडेट के सख्त निर्देश
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने कर्मचारियों से संबंधित जांच/सजाएं तुरंत पोर्टल पर अपडेट करें। इसकी नियमित समीक्षा और निगरानी भी की जाएगी।
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