बैठक में मंत्री सरावगी ने कहा कि ऑनलाइन सेवाओं के बावजूद आम लोगों को आज भी राजस्व कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि व्यवस्था में अब भी व्यापक सुधार की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजस्व मामलों में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि वे स्वयं जल्द ही आम जनता के बीच जाकर जनसंवाद की शुरुआत करेंगे। इस पहल के तहत वे सीधे लोगों से उनकी भूमि और राजस्व से जुड़ी समस्याएं सुनेंगे और उनका समाधान सुनिश्चित करेंगे।
वहीं, विभागीय सचिव जय सिंह ने जमाबंदी पंजी की स्कैनिंग का काम हर हाल में 31 मई 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अंचलाधिकारियों से कहा कि किसी भी केस को रिजेक्ट करने से पहले संबंधित व्यक्ति से मिलें, उनकी बातों को गंभीरता से सुने और उसके बाद ही निर्णय लें।
सचिव ने यह भी कहा कि जिन जिलों और अंचलों में मामलों के निष्पादन की दर सबसे कम है, वहां कार्यशैली में सुधार लाना अनिवार्य होगा। विभाग अब "रिवर्ट केस" पर भी विशेष निगरानी रखेगा ताकि पुराने मामलों को बार-बार उलटने से बचा जा सके और पारदर्शिता बनी रहे।
दरअसल बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण कार्य को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरा करने के लिए एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता जताई है। आम जनता की समस्याओं के प्रति गंभीरता, जवाबदेही और डिजिटल सेवाओं की प्रभावशीलता में सुधार इस पहल की मुख्य प्राथमिकताएं हैं।
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