यूपी में अधिकारी करेंगे सभी स्कूलों का औचक भ्रमण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग अब निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए सख्त रुख अपनाने जा रहा है। प्रदेश भर के सभी स्कूलों में छात्रों की अपार आईडी (Automated Permanent Academic Record) बनाए जाने को लेकर अभियान तेज़ कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों में 90 फीसदी से अधिक बच्चों की अपार आईडी बन चुकी है, लेकिन निजी स्कूलों में यह आंकड़ा 60 फीसदी के भी पार नहीं पहुंचा है। इसे गंभीरता से लेते हुए अब औचक निरीक्षण की योजना बनाई गई है।

औचक निरीक्षण की तैयारी में अधिकारी

समग्र शिक्षा अभियान के तहत अब जिला स्तरीय अधिकारी निजी स्कूलों, खासकर आरटीई (निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम) के तहत चलने वाले संस्थानों का औचक निरीक्षण करेंगे। समग्र शिक्षा के उप निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि यह देखा जाएगा कि जिन बच्चों ने आरटीई के तहत स्कूलों में प्रवेश लिया है, वे वास्तव में पढ़ रहे हैं या नहीं। शिकायतें मिली हैं कि कई स्कूल सिर्फ कागजों पर बच्चों का दाखिला दिखाकर बाद में उन्हें हटा देते हैं।

नंबर लिंकिंग से मिलेगा लाभ

शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि नए शैक्षणिक सत्र से आरटीई नंबर, यू-डायस (UDISE) नंबर और अपार आईडी को आपस में लिंक किया जाएगा। इसी आधार पर निजी स्कूलों को आरटीई के अंतर्गत प्रवेश लेने वाले बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाएगी। यानी जो स्कूल डेटा पारदर्शिता से नहीं देंगे, उन्हें सरकारी आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा।

अब नहीं चलेगी लापरवाही

डॉ. सिंह ने बताया कि अब तक कई बार निजी स्कूलों को निर्देश दिए गए और कैंप भी आयोजित करवाए गए, लेकिन अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। ऐसे में अब सख्ती ही एकमात्र विकल्प है। जल्द ही इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, जिससे हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

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