रुद्रम-1: पहला स्वदेशी एंटी-रेडिएशन हथियार
रेंज: 150–250 किलोमीटर
लॉन्च प्लेटफॉर्म: सुखोई-30MKI फाइटर जेट
विशेषता: रेडिएशन स्रोत को ट्रैक कर खुद ही लॉक करना
2020 में रुद्रम-1 का सफल परीक्षण हुआ, जिसने भारत को दुनिया के उन गिने-चुने देशों की सूची में ला खड़ा किया जिनके पास एंटी-रेडिएशन वेपन सिस्टम है। यह मिसाइल दुश्मन के रडार या इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल पकड़ते ही स्वतः उसकी दिशा में मुड़ जाती है और सटीक हमला करती है।
रुद्रम-2: रेंज और सटीकता दोनों में उन्नत
रेंज: अनुमानित 300–350 किलोमीटर
तकनीक: GPS और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम से लैस
लक्ष्य: गहरे अंदर छिपे रडार और मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम
रुद्रम-2, रुद्रम-1 का उन्नत संस्करण है, जिसे दुश्मन की मोबाइल रडार यूनिट्स और एयरबॉर्न सिग्नल सिस्टम को खत्म करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रेंज बढ़ाई गई है ताकि सीमाओं के भीतर नहीं, बल्कि गहराई में भी हमला संभव हो सके।
रुद्रम-3: भविष्य की इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्रांति
रेंज: अनुमानित 500 -600 किलोमीटर
प्रौद्योगिकी: हाई-स्पीड, मल्टी-प्लेटफॉर्म कंपैटिबल
टारगेट: दुश्मन के रणनीतिक इलेक्ट्रॉनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दूर से सटीक हमला
रुद्रम-3 को भारत की लॉन्ग-रेंज एंटी-रेडिएशन मिसाइल के रूप में विकसित किया गया है। यह न केवल फिक्स्ड रडार सिस्टम बल्कि दुश्मन के एयरबॉर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS), सैटेलाइट लिंक और डिजिटल कम्युनिकेशन बेस को भी टारगेट करने में सक्षम हैं।
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