बता दें की नगर विकास विभाग ने 'उत्तर प्रदेश नगर निगम (पार्किंग स्थान का सन्निर्माण, अनुरक्षण और प्रचालन) नियमावली-2025' की अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पहले चरण में लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, अलीगढ़, आगरा, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, फिरोजाबाद, बरेली, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, शाहजहांपुर और सहारनपुर में यह नियम प्रभावी होगा।
कैसे होगा शुल्क का निर्धारण?
प्रत्येक नगर निगम में नगर आयुक्त की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी, जिसमें सहायक अभियंता को सदस्य सचिव बनाया गया है। यह समिति आगामी 90 दिनों के भीतर शहरों में उपलब्ध पार्किंग स्थलों की सूची जारी करेगी और शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी।
फ्लाईओवर के नीचे वैकल्पिक पार्किंग और हरियाली की रक्षा
अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि त्योहारों व मेलों के अवसर पर यातायात दबाव को देखते हुए फ्लाईओवर के नीचे पार्किंग की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हरियाली वाले स्थलों पर किसी भी प्रकार का पार्किंग ठेका नहीं दिया जाएगा।
पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगी आधुनिक पार्किंग सुविधाएं
सरकार पार्किंग व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर लाइसेंस जारी करेगी, जिससे निजी क्षेत्र भी इस व्यवस्था में भागीदार बन सकेगा और अत्याधुनिक पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सके।
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