शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार यह मूल्यांकन छात्रों के अपने कक्षा-कक्ष में ही संबंधित विषय की अवधि में संपन्न होगा। इसके लिए प्रत्येक माह प्रश्न पत्र शिक्षा विभाग के ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिन्हें स्कूल स्तर पर डाउनलोड कर मूल्यांकन प्रक्रिया संपन्न की जाएगी।
शिक्षकों को मिलेगी विशेष जिम्मेदारी
गाइडलाइन के अनुसार, मूल्यांकन के दौरान अगर छात्रों को किसी प्रश्न को समझने में कठिनाई होती है, तो शिक्षक उन्हें सहायता प्रदान करेंगे। इस प्रक्रिया में परीक्षा की पवित्रता बनाए रखने के भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। किसी भी प्रकार की अनियमितता सामने आने पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट कार्ड सीधे अभिभावकों तक
मासिक मूल्यांकन के पश्चात प्रत्येक छात्र की प्रगति रिपोर्ट अभिभावकों को सौंपी जाएगी। इसके लिए हर महीने विद्यालय स्तर पर अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) आयोजित की जाएगी। यदि कोई अभिभावक बैठक में शामिल नहीं होता है, तो प्रधानाध्यापक या शिक्षक उनके घर जाकर उन्हें बैठक में भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगे।
पहली कक्षा रहेगी इससे मुक्त
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि पहली कक्षा के छात्रों पर यह व्यवस्था लागू नहीं होगी। उनकी कक्षाएं पूर्ववत नियमित रूप से संचालित की जाएंगी। साथ ही, एक दिन में अधिकतम दो विषयों का ही मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे छात्रों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
बिहार शिक्षा विभाग की दूरदर्शी पहल
राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (प्रारंभिक शिक्षा एवं एसएसए) को इस योजना की गाइडलाइन भेज दी गई है। यह मासिक मूल्यांकन योजना न केवल छात्रों की शैक्षणिक कमजोरी को समय रहते चिन्हित करने में सहायक होगी, बल्कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों की पढ़ाई में सक्रिय भागीदारी का अवसर देगी।
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