हाइपरसोनिक रफ्तार: दुश्मन को संभलने का मौका नहीं
शौर्य मिसाइल की गति मैक 7.5 तक है, यानी यह लगभग 9,200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकती है। इतनी तेज गति के साथ, यह मिसाइल दुश्मन के रडार सिस्टम को चकमा देने और पलटवार से पहले ही निशाना साधने में सक्षम है।
कैनिस्टर-लॉन्च प्रणाली: कहीं भी, कभी भी तैनाती संभव
शौर्य मिसाइल को एक कैनिस्टर में संग्रहीत किया जाता है, जिससे इसे आसानी से ट्रांसपोर्ट और तुरंत लॉन्च किया जा सकता है। यह विशेषता भारतीय सेना को युद्ध के दौरान कहीं भी और कभी भी इस मिसाइल को तैनात करने की सुविधा देती है।
1,900 किलोमीटर तक मारक क्षमता
यह मिसाइल 700 से 1,900 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेद सकती है, जिससे यह भारत के रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार बन गई है। इसकी पहुंच में कई संभावित खतरे शामिल हैं, जिससे भारत की सामरिक स्थिति और भी मजबूत होती है।
पारंपरिक और परमाणु दोनों विकल्प
शौर्य मिसाइल 200 से 1,000 किलोग्राम वज़न तक का पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है। इसका मतलब यह है कि यह एक बहुउद्देश्यीय हथियार है, जिसे जरूरत के हिसाब से सामरिक या रणनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
भारत की आत्मनिर्भरता की मिसाल
‘शौर्य’ मिसाइल का निर्माण DRDO द्वारा पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जो भारत के आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल देश की सुरक्षा मजबूत होती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की सैन्य तकनीक की साख भी बढ़ती है।
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