उद्योग विभाग के अनुसार, यह योजना उन परिवारों के लिए है जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये से कम है और जो 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग के स्थायी निवासी हैं। इसका उद्देश्य ऐसे लोगों को स्वरोजगार की ओर प्रेरित कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।
62 प्रकार के उद्योग सूची में शामिल
इस योजना के अंतर्गत 62 प्रकार के लघु उद्योगों को शुरू करने की अनुमति दी गई है। इनमें प्रमुख रूप से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ जैसे आटा, सत्तू, अचार, पापड़, जैम-जैली, मिठाई उत्पादन, साथ ही फर्नीचर उद्योग, बांस और बेंत से निर्मित वस्तुएँ, नाव निर्माण आदि शामिल हैं।
निर्माण क्षेत्र में सीमेंट की जाली, दरवाजे-खिड़कियाँ, प्लास्टर ऑफ पेरिस, स्टील बॉक्स, बिजली पंखा निर्माण, कृषि यंत्र जैसे व्यवसायों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा ऑटो रिपेयरिंग, मोबाइल चार्जर, डीजल इंजन मरम्मत, व अन्य सेवा क्षेत्र जैसे ब्यूटी पार्लर, सैलून, लॉन्ड्री, रेडिमेड वस्त्र, और मिट्टी के बर्तन उद्योग भी इसमें शामिल हैं।
कैसे करें आवेदन?
आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। इच्छुक आवेदकों को उद्योग विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना होगा। सभी आवेदन जिला अनुश्रवण समिति द्वारा जाँच किए जाएंगे। पात्र पाए जाने पर चयन कंप्यूटरीकृत रैण्डमाइजेशन के माध्यम से किया जाएगा।
चयनित उम्मीदवारों को पहले चरण में कुल अनुदान राशि का 25% अग्रिम रूप से मिलेगा। इसके बाद कार्य की प्रगति के अनुसार दूसरी किस्त (50%) और उद्योग स्थापित होने के बाद जांच के उपरांत अंतिम 25% राशि सीधे खाते में भेजी जाएगी।
राज्य सरकार की बड़ी पहल
यह योजना बिहार सरकार की एक बड़ी पहल मानी जा रही है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी गरीब तबकों को आत्मनिर्भर बनाना और बेरोजगारी को कम करना है। उम्मीद की जा रही है कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
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