1. आकाश नेक्स्ट जनरेशन (Akash-NG): हवाई खतरों का काल
आकाश नेक्स्ट जनरेशन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई अत्याधुनिक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। यह मौजूदा आकाश सिस्टम से कहीं अधिक हल्की, तेज और सटीक है। इसकी रेंज लगभग 70 किलोमीटर होगी। यह मिसाइल इलेक्ट्रॉनिक जामिंग का सामना कर सकती है और मल्टीपल टारगेट्स को एक साथ ट्रैक कर सकती है। यह सिस्टम दुश्मन के फाइटर जेट्स, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को सेकंडों में निशाना बना सकता है।
2. तेजस मार्क-2: भारत का स्वदेशी फाइटर जेट
तेजस मार्क-2, HAL (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) द्वारा विकसित किया गया एक मीडियम वेट मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। यह तेजस मार्क-1 का उन्नत संस्करण है और अधिक पावरफुल इंजन, बेहतर रडार, और हथियार प्रणाली से लैस होगा। यह विमान न केवल भारत की वायुसेना के पुराने मिग-29 और मिराज विमानों की जगह लेगा, बल्कि भविष्य के अंतरराष्ट्रीय रक्षा निर्यात में भी एक मजबूत दावेदार बन सकता है।
3. रुद्रम-3: दुश्मन की रडार प्रणाली का विनाशक
रुद्रम-3 भारत की पहली स्वदेशी लंबी दूरी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जो खासतौर पर दुश्मन की रडार और संचार प्रणालियों को ध्वस्त करने के लिए बनाई गई है। यह तेजस और सुखोई जैसे फाइटर जेट्स से लॉन्च की जा सकती है। इस मिसाइल की तैनाती से भारत को इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में रणनीतिक बढ़त मिलेगी और दुश्मन की निगरानी एवं संचार क्षमताएं युद्ध के शुरुआती चरणों में ही खत्म की जा सकेंगी।
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