भारत के ये 3 सबसे घातक कमांडो, जिनसे कांपता है पाकिस्तान!

नई दिल्ली: भारत की सेनाएं सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि अपनी स्पेशल फोर्सेस की घातक क्षमता में भी दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में गिनी जाती हैं। जब भी देश की सीमाएं खतरे में आती हैं, या दुश्मन देश कोई नापाक हरकत करता है, तब मैदान में उतरते हैं भारत के कमांडो — वे गुप्त योद्धा, जिनकी मौजूदगी ही दुश्मनों में दहशत फैला देती है। खासकर पाकिस्तान, जो भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहता है, इन कमांडो फोर्सेस के नाम से ही डर जाता है।

1. पैरा स्पेशल फोर्सेस (Para SF) – 'रेड डेविल्स'

भारतीय सेना की यह यूनिट सबसे घातक और रहस्यमयी मानी जाती है। बड़ी सैन्य कार्रवाइयों में इन कमांडोज़ की भूमिका निर्णायक रही। 'बलिदान' बैज पहनने वाले ये कमांडो ऐसी ट्रेनिंग से गुजरते हैं, जो केवल 10% से कम ट्रेनी ही पूरी कर पाते हैं। जंगल, पहाड़, रेगिस्तान और दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला करना इनकी खासियत है।

खासियत: दुश्मन की सीमा में घुसकर कार्रवाई, अति गोपनीय ऑपरेशंस में माहिर, हाई ऑल्टिट्यूड, जंगल व अर्बन वॉरफेयर में निपुण। 

2. मार्कोस (Marine Commandos) – 'भारत के जल योद्धा'

भारतीय नौसेना की यह स्पेशल फोर्स ‘MARCOS’ दुश्मन को समंदर में खामोशी से खत्म करने के लिए जानी जाती है। कश्मीरी जल क्षेत्रों में आतंकियों के सफाए से लेकर समुंदर के नीचे ऑपरेशंस तक, MARCOS हर मोर्चे पर घातक हैं। इन्हें "डर से परे" कहा जाता है, क्योंकि इनकी ट्रेनिंग US Navy SEALs और ब्रिटिश SAS जैसी यूनिट्स के समान होती है।

खासियत: पानी, हवा और जमीन — तीनों में कार्रवाई में सक्षम। समुद्री आतंकवाद के खात्मे में विशेषज्ञ। 

3. गरुड़ कमांडो फोर्स – 'भारतीय वायुसेना की मारक शक्ति'

भारतीय वायुसेना की यह स्पेशल फोर्स दुश्मन के एयरबेस पर घुसकर हमला करने में माहिर है। आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में गरुड़ की भूमिका तेजी से बढ़ी है। ये रणनीतिक ठिकानों की सुरक्षा और एयरबेस पर हाई रिस्क मिशन के लिए तैनात किए जाते हैं।

खासियत: एयरबेस की सुरक्षा और हाई वैल्यू टार्गेट पर फोकस, खोज और बचाव (SAR), आतंकवाद रोधी अभियानों में निपुण। आधुनिक हथियारों और टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित।

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