मौजूदा वाराणसी-प्रयागराज छह लेन हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आए दिन जाम की स्थिति बन रही है। इस समस्या को देखते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को एक वैकल्पिक ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।
गंगा नदी के किनारे बनेगा नया हाईवे
नई सड़क गंगा नदी के किनारे बनेगी और इसकी अनुमानित लंबाई 160 किलोमीटर होगी। यह हाईवे वाराणसी से मीरजापुर होते हुए प्रयागराज तक जाएगा, जिससे यात्रा न केवल आसान होगी बल्कि समय की भी बचत होगी। यह परियोजना राज्य की बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं में एक अहम कड़ी साबित हो सकती है।
डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर काम शुरू
एनएचएआई के पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी एस.के. आर्या के अनुसार, परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) पर काम तेजी से चल रहा है। रिपोर्ट में यह आकलन किया जा रहा है कि इस सड़क को दो लेन बनाया जाए या चार लेन, साथ ही लागत, जोखिम और संभावित लाभों का भी विश्लेषण किया जा रहा है।
रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल से मिलेगा जोड़
इस ग्रीनफील्ड परियोजना को वाराणसी के रामनगर स्थित मल्टीमॉडल टर्मिनल से जोड़ने की भी योजना है। इससे सड़क और राष्ट्रीय जलमार्ग के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा। यह कदम क्षेत्र की परिवहन प्रणाली को और अधिक मजबूत और कुशल बनाएगा।
पर्यटन और व्यापार को भी मिलेगा बढ़ावा
इस नए एक्सप्रेसवे के बनने से न सिर्फ स्थानीय निवासियों और यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि यह पर्यटन, व्यापार और कृषि उत्पादों के परिवहन को भी गति देगा। वाराणसी और प्रयागराज जैसे शहरों में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं, जिन्हें अब एक नया और तेज़ रूट उपलब्ध हो सकेगा।
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