शिक्षा विभाग की तैयारी जोरों पर
स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने सोमवार, 19 मई को समर कैंप की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए वर्चुअल बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्य के सभी डायट प्राचार्य, एडी बेसिक, डीआईओएस, बीएसए, बीईओ और जिला समन्वयक भाग लेंगे। महानिदेशक कंचन वर्मा ने साफ किया है कि यह कैंप केवल एक औपचारिकता नहीं होंगे, बल्कि बच्चों के लिए गर्मी की छुट्टियों का यादगार अनुभव बनेंगे।
गतिविधियों से भरपूर होगा कैंप
समर कैंप के दौरान बच्चों को योग, इनडोर खेल, क्राफ्ट, और रचनात्मक शिक्षण गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। खासकर शहरी क्षेत्रों में बच्चों को कोडिंग, संगीत वाद्ययंत्र बजाने और तकनीकी नवाचारों की जानकारी भी दी जाएगी। शिक्षा विभाग इस आयोजन को समाज, तकनीक और रचनात्मकता के त्रिकोण से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
एनजीओ और वालंटियर्स का साथ
कैंप को सफल और प्रभावशाली बनाने के लिए एनजीओ, एनसीसी वालंटियर्स और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा। प्रत्येक जिले में 10 माडल समर कैंप चलाए जाएंगे, जो बाकी स्कूलों के लिए उदाहरण बनेंगे। प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सहायता से कैंप में भाग लेने वाले बच्चों को आकर्षक बुकलेट, पोस्टर और प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे।
उद्देश्य: केवल पढ़ाई नहीं, सम्पूर्ण विकास
शिक्षा विभाग का मानना है कि यह समर कैंप बच्चों को केवल अकादमिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन कौशल, सामाजिक सहभागिता और रचनात्मकता से भी जोड़ेंगे। विभाग ने स्पष्ट किया है कि कैंप का उद्देश्य बच्चों की छुट्टियों को नया अनुभव और नया दृष्टिकोण देना है।
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