खानपान में बरतें सावधानी
गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने खानपान को लेकर खास हिदायत दी है। खाली पेट न रहें, बासी और भारी प्रोटीन युक्त भोजन से बचें। साथ ही शराब, चाय, कॉफी और सोडा जैसे पेयों से दूरी बनाए रखें, क्योंकि ये शरीर में पानी की कमी बढ़ा सकते हैं।
मित्र प्रणाली से श्रमिकों की निगरानी
मुख्यमंत्री ने “मित्र प्रणाली” लागू करने के आदेश दिए हैं, जिसके तहत श्रमिक एक-दूसरे की निगरानी करेंगे और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्राथमिक उपचार देंगे। भारी उद्योगों में गर्म उपकरणों को इन्सुलेट करने और निर्माण स्थलों पर ठंडी छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
बच्चों और श्रमिकों के लिए विशेष निर्देश
गर्मी में बच्चों को खास सुरक्षा दी जाए। उन्हें तेज धूप से बचाया जाए और गर्म गाड़ियों में अकेला न छोड़ा जाए। श्रमिकों के लिए छायादार स्थान, पर्याप्त पानी और विश्राम की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है। सुबह और शाम के समय ही भारी काम करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
हीट स्ट्रोक के लक्षण और प्राथमिक उपचार
हीट स्ट्रोक के लक्षणों में शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना, चक्कर आना, त्वचा का लाल और सूखा होना, मांसपेशियों में कमजोरी, सिरदर्द, मतली और सांस लेने में परेशानी शामिल हैं। ऐसे में तुरंत व्यक्ति को ठंडी जगह ले जाकर ठंडा पानी पिलाएं, संभव हो तो नहलाएं और तुरंत 108 एम्बुलेंस सेवा से संपर्क करें।
सरकार की सतर्कता और जनता से अपील
सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि हीट वेव के प्रति सतर्क रहें और किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें। समय पर जागरूकता और सतर्कता से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
दोपहर 12 से 4 बजे तक घर से बाहर न निकलें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से विशेष आग्रह किया है कि वे दोपहर 12 से शाम 4 बजे के बीच घरों से बाहर न निकलें। यह समय सबसे खतरनाक माना गया है क्योंकि सूर्य की किरणें अत्यंत तीव्र होती हैं और इससे हीट स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य विभाग की सख्त चेतावनी और सुझाव
प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि लोग हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े पहनें, छाता, सनग्लास और सनस्क्रीन का उपयोग करें और पूरी तरह से शरीर को ढक कर रखें। साथ ही, तरल पदार्थ जैसे नींबू पानी, नारियल पानी और शिकंजी का अधिक से अधिक सेवन करें। घरों और कार्यस्थलों पर शेड और पर्दों का इस्तेमाल कर गर्मी की तीव्रता को रोका जाए।
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