BrahMos-2: भारत की नई शक्ति से कांपे चीन और पाक

नई दिल्ली: भारत लगातार अपनी सैन्य शक्ति को आधुनिक और सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, और इसका ताज़ा उदाहरण है – BrahMos-2। यह मिसाइल प्रणाली भारत और रूस के संयुक्त प्रयास का परिणाम है और इसे दुनिया की सबसे तेज हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों में से एक माना जा रहा है। BrahMos-2 का विकास भारत की रक्षा क्षमताओं में एक ऐतिहासिक छलांग है, जिससे न केवल देश का आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की नींद भी उड़ गई है।

क्या है BrahMos-2?

BrahMos-2, BrahMos मिसाइल का अगला उन्नत संस्करण है, जिसे हाइपरसोनिक गति और अधिक विनाशकारी क्षमता के साथ तैयार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पहले से कहीं अधिक तेज, सटीक और दूर तक मार करने की क्षमता हासिल करना है।

विकास की स्थिति

मई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार BrahMos-2 अभी प्रोटोटाइप और परीक्षण चरण में है। उम्मीद है कि 2030 के पहले इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। DRDO और रूस की रक्षा एजेंसी मिलकर इसके सभी तकनीकी परीक्षणों को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। 

मुख्य विशेषताएं:

गति: Mach 7 (आवाज़ की गति से 7 गुना तेज)

रेंज: 600 से 1,000 किलोमीटर तक बताई जा रही हैं

गाइडेंस सिस्टम: उन्नत इनर्शियल और सैटेलाइट गाइडेंस

वॉरहेड: पारंपरिक और संभावित रूप से न्यूक्लियर कैपेबल

लॉन्च प्लेटफॉर्म: जल, थल और वायु से लॉन्च करने की क्षमता

क्यों है यह इतनी खास?

1. हाइपरसोनिक गति से अजेय

BrahMos-2 की सबसे बड़ी ताकत इसकी हाइपरसोनिक गति है। मौजूदा एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम इतनी तेज़ गति वाली मिसाइल को ट्रैक कर पाना मुश्किल से मुश्किल होता है। यानी दुश्मन के पास प्रतिक्रिया देने का समय ही नहीं बचेगा।

2. सटीक निशाना और घातक वार

यह मिसाइल GPS और ग्लोनास आधारित गाइडेंस सिस्टम से लैस होगी, जिससे यह बिलकुल सटीक टारगेट को भेदने में सक्षम होगी — चाहे वो दुश्मन की बेस हो, जहाज़ हो या मोबाइल लॉन्चर।

3. तीनों सेनाओं के लिए उपयुक्त

BrahMos-2 को इस तरह डिज़ाइन किया जा रहा है कि यह थल सेना, वायु सेना, और नौसेना तीनों के लिए अनुकूल हो। इसका मतलब है भारत के पास एक ऐसा हथियार होगा जो किसी भी दिशा से दुश्मन पर हमला कर सके।

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