यूपी में इन 'शिक्षकों' के लिए एक बड़ी खुशखबरी!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग से जुड़े अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से रुकी पड़ी पदोन्नति की प्रक्रिया को आखिरकार हरी झंडी मिल गई है। शासन से आए नए निर्देशों के बाद प्रमोशन की राह अब स्पष्ट हो गई है, जिससे प्रदेश भर के हज़ारों शिक्षकों में उत्साह की लहर है।

नियमों में बदलाव से अटका था प्रमोशन

बीते वर्ष नियमों में बदलाव के चलते शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया ठप हो गई थी। मेरठ मंडल में ही लगभग 75 शिक्षकों की फाइलें अटकी हुई थीं, जिनमें से मेरठ जनपद के 19 शिक्षक शामिल हैं। इस बीच शिक्षकों की पदोन्नति से जुड़ी उम्मीदें धुंधली पड़ने लगी थीं, लेकिन अब शासन के आदेशों के साथ यह प्रक्रिया फिर से शुरू होने जा रही है।

डीआईओएस के जरिए पूरी प्रक्रिया

संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) ओंकार शुक्ला ने जानकारी दी कि आदेश जारी कर दिए गए हैं और अब पदोन्नति की पूरी प्रक्रिया डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) कार्यालय के माध्यम से होगी। स्कूलों के प्रबंधकों को वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों की फाइलें डीआईओएस कार्यालय को भेजनी होंगी, जिसके बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।

एक साल से रुकी हुई थीं फाइलें

माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के महानगर उपाध्यक्ष राजेश त्यागी ने बताया कि बीते वर्ष शिक्षकों की सभी फाइलें प्रबंध समिति द्वारा पास कर जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजी गई थीं। डीआईओएस ने निरीक्षण के बाद यह फाइलें संयुक्त शिक्षा निदेशक को अग्रेषित की थीं, लेकिन नियमों की अस्पष्टता के चलते फाइलें वापस लौटा दी गईं। अब ये सभी फाइलें पुनः डीआईओएस कार्यालय में हैं और स्कूलों को सर्विस बुक भी लौटा दी गई हैं।

शिक्षकों में जगी नई उम्मीद

इस फैसले से प्रदेश भर के उन शिक्षकों को राहत मिली है जो वर्षों से अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे। प्रमोशन केवल वेतन वृद्धि नहीं, बल्कि सम्मान और करियर ग्रोथ से भी जुड़ा मुद्दा है। अब जब शासन ने रास्ता साफ कर दिया है, तो शिक्षक वर्ग को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें उनका हक मिलेगा।

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