प्रमोशन प्रक्रिया में पारदर्शिता
प्रोन्नति प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बोर्ड ने यह सूची सभी विभागीय कार्यालयों, थानों, पुलिस लाइन और अन्य संबंधित स्थानों पर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सूची की सॉफ्ट कॉपी भी सभी एडीजी जोन, पुलिस आयुक्तों, रेंज आईजी, जिला कप्तानों और शाखा कार्यालयाध्यक्षों को उपलब्ध कराई गई है, ताकि वे कर्मियों से नामों का मिलान कर सकें।
सिपाहियों के रिकॉर्ड में मेल नहीं
हालांकि इस प्रक्रिया में एक बाधा भी सामने आई है। 2013 में सीधी भर्ती के तहत चयनित कुल सिपाहियों में से 3984 पुलिसकर्मियों के नाम नॉमिनल रोल प्रणाली और जिलों से प्राप्त जानकारी से मेल नहीं खा पा रहे हैं। ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए संबंधित विभागों से कहा गया है कि वे छूटे हुए आरक्षियों की अलग सूची बनाकर 15 मई तक मुख्यालय को भेजें।
प्रमाण पत्र देना अनिवार्य
बोर्ड ने साफ निर्देश दिए हैं कि सूची में किसी भी योग्य कर्मी का नाम न छूटे, इसके लिए प्रत्येक विभागाध्यक्ष को प्रमाण पत्र देना होगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी पुलिसकर्मी बिना कारण प्रमोशन से वंचित न रह जाए।
अंतिम सूची के बाद जल्द होगी पदोन्नति
अनंतिम सूची पर आपत्तियां प्राप्त करने और सभी तथ्यों के सत्यापन के बाद अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी की जाएगी। इसके पश्चात आरक्षियों को मुख्य आरक्षी के पद पर पदोन्नत करने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हजारों जवानों को अब अपने मेहनत का फल मिलने जा रहा है। यह फैसला न सिर्फ उनके मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि पुलिस विभाग की कार्यक्षमता और अनुशासन को भी मजबूत करेगा।
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