हालांकि, सभी स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह बंद नहीं होगी। राज्य के उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में 21 मई से 10 जून तक समर कैंप का आयोजन किया जाएगा। इन कैंपों में छात्रों की रचनात्मकता, खेल, कला और अन्य सह-शैक्षिक गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
शिक्षामित्र और अनुदेशक की भूमिका
बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से सोमवार को समर कैंप आयोजन को लेकर एक अहम बैठक की गई। सभी जिलों के बीएसए को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। खास बात यह है कि इन समर कैंपों का संचालन नियमित शिक्षक नहीं करेंगे। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिन्हें इसके बदले में निर्धारित मानदेय भी दिया जाएगा।
16 जून से दोबारा शुरू होगी पढ़ाई
छुट्टियों के बाद सभी परिषदीय स्कूलों में 16 जून से नियमित कक्षाएं फिर से आरंभ हो जाएंगी। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को समय से साफ-सफाई और अन्य तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं ताकि बच्चों को दोबारा स्कूल लौटने पर अनुकूल वातावरण मिल सके।
छात्रों के लिए नया अनुभव बनेगा समर कैंप
समर कैंप का उद्देश्य छात्रों को पढ़ाई के बोझ से अलग हटकर कुछ नया सिखाना और उनकी छिपी प्रतिभाओं को सामने लाना है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह प्रयोग न केवल बच्चों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को भी व्यावहारिक प्रशिक्षण का अनुभव देगा।
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