क्या है तेजस Mk-1A की खासियत?
70% से अधिक स्वदेशी सामग्री: आत्मनिर्भरता की उड़ान
डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम: बेहतरीन मैन्युवरिंग और कंट्रोल
उन्नत AESA रडार: दुश्मन की गतिविधियों पर तेज और सटीक नजर
जमीन से हवा में मिसाइलों से बचने की क्षमता: स्वदेशी डिफेंस सूट से लैस
मल्टीरोल कैपेबिलिटी: एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड और समुद्री हमलों में सक्षम
बियॉन्ड-विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल सिस्टम: टारगेट को दूर से खत्म करने की ताकत
IAF की पसंद बनता Tejas Mk-1A
भारतीय वायुसेना ने HAL को 83 Tejas Mk-1A विमानों का ऑर्डर पहले ही दे दिया है। इनकी डिलीवरी 2029 तक पूरी होनी है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, तेजस Mk-1A आने वाले वर्षों में मिग-21 जैसे पुराने विमानों की जगह लेगा और IAF की रीढ़ बनेगा।
सुपर सोनिक स्पीड और युद्ध कौशल
तेजस Mk-1A की अधिकतम गति 1.6 Mach (ध्वनि की गति से 1.6 गुना) है और यह करीब 4,000 किमी की फेरी रेंज के साथ उड़ान भर सकता है। इसकी लाइट वेट डिजाइन और कॉम्पैक्ट स्ट्रक्चर इसे ऊँचाई और सीमित स्पेस वाले रनवे से भी तेजी से उड़ान भरने में सक्षम बनाते हैं।
रक्षा क्षेत्र में भारत की नई पहचान
तेजस Mk-1A ने भारत को न केवल रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर किया है, बल्कि यह देश को रक्षा निर्यात में भी एक संभावित खिलाड़ी बना रहा है। कई देशों ने इस विमान में रुचि दिखाई है, जिससे यह भारत के रक्षा निर्यात को नया आयाम दे सकता है।
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