‘सुपरपॉवर’ भारत की 4 फ्यूचर मिसाइलें: बदल देंगी युद्ध की तस्वीर!

नई दिल्ली: भारत आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं की दिशा में लगातार नए मुकाम हासिल कर रहा है। आने वाले वर्षों में देश की सुरक्षा ताकत को एक नई ऊँचाई देने के लिए चार ऐसी मिसाइलें विकसित की जा रही हैं, जो भारत को ‘सुपरपॉवर’ की पंक्ति में और मजबूती से खड़ा करेंगी।

1. अग्नि-6 मिसाइल:

अग्नि-6 मिसाइल जो ‘अग्नि’ सीरीज़ की अब तक की सबसे उन्नत और शक्तिशाली मिसाइल मानी जा रही है। यह एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जिसकी अनुमानित मारक क्षमता 8,000 से 10,000 किलोमीटर के बीच होगी। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) तकनीक से लैस होगी। फिलहाल यह मिसाइल विकास के चरण में है। 

2 .ब्रह्मोस-2: यह भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से विकसित की जा रही है। यह एक हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल होगी, जो ध्वनि की गति से सात गुना तेज़ यानी मैक 7 की रफ्तार से लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगी। इसकी अनुमानित रेंज लगभग 1,000 किलोमीटर होगी। यह मिसाइल जमीन, समुद्र और हवा – तीनों प्लेटफॉर्म से लॉन्च की जा सकेगी।

3 .के-5 मिसाइल: यह भारत की ‘के-सीरीज़’ की सबमरीन-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइलों (SLBM) में से एक है। इसकी रेंज लगभग 5,000 किलोमीटर है और यह INS Arihant जैसी न्यूक्लियर पनडुब्बियों से लॉन्च की जा सकती है। यह मिसाइल भारत की सेकंड स्ट्राइक क्षमता को मजबूत बनाती है – यानी यदि भारत पर परमाणु हमला होता है, तो वह समुद्र के भीतर से जवाबी हमला कर सके।

4 .के-6 मिसाइल: यह ‘के-सीरीज़’ की ही एक और अत्याधुनिक SLBM है और फिलहाल विकास के चरण में है। इसकी अनुमानित रेंज 6,000 से 8,000 किलोमीटर के बीच होगी। इस मिसाइल की खासियत यह है कि इसमें भी MIRV क्षमता होगी, जिससे यह एक साथ कई परमाणु वॉरहेड्स को अलग-अलग लक्ष्यों पर दाग सकेगी। इसे भी न्यूक्लियर पनडुब्बियों से लॉन्च किया जाएगा और यह भारत को एक साइलेंट लेकिन फुल-प्रूफ न्यूक्लियर त्रिकोण (Nuclear Triad) का मास्टर बनाएगी।

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