2016 के बाद पहली बार जिले के अंदर तबादले
गौरतलब है कि प्रदेश में आखिरी बार 2016 में जिले के अंदर सामान्य ट्रांसफर हुए थे, जबकि 2023 में जिले के बाहर तबादलों की प्रक्रिया पूरी की गई थी। अब 2025-26 शैक्षणिक सत्र से पहले शिक्षकों को अपनी इच्छा के अनुसार स्थानांतरण कराने का मौका मिलेगा।
डीएम की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
इस ट्रांसफर प्रक्रिया के संचालन के लिए प्रत्येक जिले में एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी (DM) करेंगे। इस कमेटी में मुख्य विकास अधिकारी (CDO), जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) सदस्य होंगे। BSA इस कमेटी के सचिव की भूमिका निभाएंगे।
कोई सेवा अवधि की बाध्यता नहीं
सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर के लिए सेवा की न्यूनतम अवधि की कोई बाध्यता नहीं रखी गई है। यानी शिक्षक चाहे जितने भी समय से सेवा में हों, वे तबादले के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन पोर्टल से करना होगा आवेदन
ट्रांसफर के इच्छुक शिक्षकों को एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा। आवेदन अधूरा रहने पर उसे खारिज कर दिया जाएगा। आवेदन पत्र की एक फोटोकॉपी संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में स्वयं के हस्ताक्षर के साथ जमा करनी होगी। अगर दस्तावेजों में कोई गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित शिक्षक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यू-डायस पोर्टल के आंकड़ों के आधार पर होगा ट्रांसफर
शिक्षकों का तबादला यू-डायस पोर्टल (U-DISE) पर मौजूद छात्रों की संख्या और शिक्षकों की उपलब्धता के अनुसार किया जाएगा। यह प्रक्रिया "निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009" के नियमों के तहत संचालित होगी। सरकार इस बात पर ध्यान देगी कि किस जिले में शिक्षकों की अधिकता है और कहां पर उनकी कमी।
.png)
0 comments:
Post a Comment