क्या है 'बदलैन'?
‘बदलैन’ वह प्रक्रिया है, जिसमें दो या अधिक किसान आपसी सहमति से अपनी ज़मीन आपस में बदल लेते हैं। अब तक यह प्रक्रिया सिर्फ मौखिक समझौते पर आधारित थी, जिससे संबंधित ज़मीनों पर न तो कानूनी स्वामित्व मिलता था, न ही इन पर कोई सरकारी ऋण या योजना का लाभ उठाया जा सकता था।
क्या बदलेगा अब?
अब नई व्यवस्था के तहत यदि दोनों पक्ष लिखित रूप में सहमति प्रस्तुत करते हैं और विवाद रहित ज़मीन की अदला-बदली होती है, तो उसे आधिकारिक रूप से दर्ज किया जाएगा। इसके बाद संबंधित किसान उस ज़मीन पर भू-अधिकार खाता (Land Possession Record) खुलवा सकेंगे। इससे उन्हें कई प्रकार की कानूनी सुरक्षा, बैंक से ऋण लेने की सुविधा और संपत्ति से जुड़े विवादों से छुटकारा मिल सकेगा।
सरकार का उद्देश्य
राज्य सरकार का मानना है कि यह कदम न सिर्फ किसानों को सशक्त करेगा, बल्कि राज्य में कृषि सुधारों को भी नई दिशा देगा। भूमि विवादों को कम करने और पारदर्शी भू-स्वामित्व सुनिश्चित करने के लिहाज़ से यह निर्णय एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय
भूमि अधिकार विशेषज्ञों और कृषि नीति विश्लेषकों का कहना है कि बिहार सरकार का यह फैसला किसानों के हित में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इससे ज़मीन को लेकर सदियों पुराने पारिवारिक व आपसी विवादों पर भी लगाम लग सकती है।
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