1. आकार और डिज़ाइन
तेजस Mk1 एक हल्का लड़ाकू विमान है, जो मुख्यतः एयर डिफेंस के लिए डिजाइन किया गया था। लेकिन तेजस Mk2 इसे मीडियम वेट कैटेगरी में रखा गया है और यह मल्टी-रोल फाइटर है। इसका आकार बड़ा, विंग स्पैन ज्यादा और ईंधन क्षमता भी ज्यादा है, जिससे इसकी रेंज और युद्ध क्षमता काफी बढ़ गई है।
2. इंजन की ताकत
तेजस Mk1 में General Electric F404-GE-IN20 इंजन लगा है, जो लगभग 84 kN की थ्रस्ट देता है। वहीं, तेजस Mk2 में General Electric F414-GE-INS6 इंजन लगाया जाएगा, जो लगभग 98 kN की थ्रस्ट देगा।इससे Mk2 को ज्यादा स्पीड, भार वहन क्षमता और युद्ध में बेहतर प्रदर्शन मिलेगा।
3. हथियार ले जाने की क्षमता
तेजस Mk1 में 7 हार्डपॉइंट्स होते हैं, जिन पर मिसाइलें, बम या फ्यूल टैंक लगाए जा सकते हैं। जबकि तेजस Mk2 में 11 हार्डपॉइंट्स होंगे, जिससे यह ज्यादा हथियार और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम ले सकेगा।
4. एवियोनिक्स और रडार सिस्टम
तेजस Mk2 में आधुनिक AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार लगेगा, जो लक्ष्य को और बेहतर पहचान और ट्रैक करने में सक्षम होगा। इसमें इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट, इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) और स्मार्ट कोकपिट जैसी खूबियां हैं। तेजस Mk1 में भी आधुनिक एवियोनिक्स हैं, लेकिन Mk2 में ये सभी टेक्नोलॉजी ज्यादा उन्नत रूप में मौजूद हैं।
5. रेंज और एंड्योरेंस में कौन बेहतर
तेजस Mk2 की रेंज तेजस Mk1 से ज्यादा है। तेजस Mk1 की कॉम्बैट रेंज लगभग 500-600 किमी है। जबकि तेजस Mk2 की कॉम्बैट रेंज 1000 किमी तक मानी जा रही है। यह इसे गहरे दुश्मन इलाके में भी मिशन करने की क्षमता देता है।
6. बहुउद्देश्यीय उपयोग (Multirole Capability)
तेजस Mk1 मुख्यतः एयर टू एयर और कुछ एयर टू ग्राउंड रोल निभाता है। जबकि तेजस Mk2 को पूरी तरह से मल्टीरोल फाइटर बनाया गया है – एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे हर मिशन में यह कारगर रहेगा।
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