यूपी के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ग्रीष्मावकाश घोषित

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने विश्वविद्यालय सहित मलप्पुरम, मुर्शिदाबाद और किशनगंज केंद्रों में 5 जून से 15 जुलाई 2025 तक ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया है। हालांकि, यह आदेश एएमयू द्वारा संचालित विद्यालयों पर लागू नहीं होगा।

मेडिकल संकाय के लिए विशेष अवकाश व्यवस्था

चिकित्सा संकाय, यूनानी चिकित्सा संकाय, पैरा मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेजों के लिए ग्रीष्मावकाश की अलग-अलग समय-सारणी जारी की गई है। बता दें की चिकित्सा संकाय के शिक्षकों के लिए अवकाश दो चरणों में निर्धारित किया गया है: पहला चरण: 18 मई से 23 जून 2025 तक।  जबकि दूसरा चरण: 25 जून से 31 जुलाई 2025 तक रहेगा।

एमबीबीएस छात्रों के लिए छुट्टियों की समयावधि

प्रथम प्रोफेशनल बैच 2024, द्वितीय प्रोफेशनल बैच 2023 और फाइनल प्रोफेशनल पार्ट-प्रथम बैच 2022 के छात्रों के लिए 1 जून से 10 जून 2025 तक। जबकि फाइनल प्रोफेशनल पार्ट-द्वितीय बैच 2021 के छात्रों के लिए 1 जून से 15 जून 2025 तक। 

BDS और पैरा मेडिकल छात्रों के लिए छुट्टियाँ

बीडीएस (BDS) पाठ्यक्रम के छात्रों को भी ग्रीष्मावकाश की सौगात मिली है: प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष (बैच 2024, 2023 एवं 2022) के छात्रों के लिए 1 जून से 20 जून 2025 तक। जबकि अंतिम वर्ष (बैच 2021) के छात्रों के लिए 11 जून से 30 जून 2025 तक। 

इसके अलावे, पैरा मेडिकल कोर्स (डिप्लोमा और बी.एससी.) में अध्ययनरत छात्रों को 21 जून से 10 जुलाई 2025 तक अवकाश मिलेगा, जबकि बी.एससी. नर्सिंग के छात्रों के लिए छुट्टियां 28 जून से 7 जुलाई 2025 तक निर्धारित की गई हैं।

यूनानी संकाय के लिए दो चरणों में अवकाश

यूनानी चिकित्सा संकाय के शिक्षकों को भी अवकाश दो चरणों में दिया गया है: पहला चरण: 2 जून से 8 जुलाई 2025, जबकि दूसरा चरण: 10 जुलाई से 15 अगस्त 2025 तक प्रि-तिब और सभी बीयूएमएस बैचों के छात्रों के लिए ग्रीष्मावकाश की अवधि 2 जून से 22 जून 2025 तक तय की गई है।

शिक्षा विभाग की योजनाबद्ध पहल

गर्मी के मौसम को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों और शिक्षकों को आराम एवं पुनः ऊर्जावान होने का अवसर देने हेतु यह विस्तृत शेड्यूल तैयार किया गया है। इससे न केवल विद्यार्थियों को मानसिक और शारीरिक राहत मिलेगी, बल्कि वे आगामी सत्र के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे।

0 comments:

Post a Comment