यूपी में शिक्षामित्र व अनुदेशकों के लिए बड़ा फैसला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 21 मई से 15 जून तक प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समर कैंप का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष अभियान में शिक्षामित्र और अनुदेशकों की अहम भूमिका तय की गई है।

शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, समर कैंप के संचालन की जिम्मेदारी शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को सौंपी जाएगी। इस दौरान उन्हें ₹6000 का मानदेय प्रदान किया जाएगा, साथ ही स्टेशनरी व अन्य सामग्री के लिए विद्यालय को ₹2000 की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

खेल, कला और विज्ञान की होगी विशेष पाठशाला

समर कैंप का मुख्य उद्देश्य छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा देना और उन्हें पारंपरिक पढ़ाई के अलावा नए कौशल से जोड़ना है। इस दौरान बच्चों को खेलकूद, चित्रकला, नृत्य, संगीत, विज्ञान की रोचक गतिविधियों और टीमवर्क के जरिए सीखने का अवसर मिलेगा। शिक्षा विभाग के अनुसार, समर कैंप में 'नई खोज के जरिए सीखने' की अवधारणा को लागू किया जाएगा, जिससे बच्चों में जिज्ञासा और प्रयोग करने की प्रवृत्ति को बल मिलेगा।

गर्मी की छुट्टियों में मिलेगा नया अनुभव

समर कैंप उन बच्चों के लिए एक सुनहरा अवसर बनकर सामने आएगा जो गर्मी की छुट्टियों में केवल घर तक सीमित रहते थे। यह पहल न केवल छात्रों के लिए बल्कि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए भी एक सकारात्मक प्रयास है, जिससे उन्हें न केवल अतिरिक्त आय मिलेगी बल्कि बच्चों के साथ रचनात्मक समय बिताने का अवसर भी मिलेगा।

शिक्षा विभाग का रचनात्मक प्रयोग

सरकार का यह प्रयास न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक नया प्रयोग है, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को एक समान अवसर देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षाविदों का मानना है कि इस तरह के समर कैंप बच्चों की आत्मविश्वास, संवाद क्षमता और सामाजिक कौशल को विकसित करने में मददगार साबित होंगे।

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