राज्य सरकार का यह फैसला आउटसोर्स कर्मचारियों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने वाला है। अब तक जिन कर्मचारियों को ईएसआई (ESI) और ईपीएफ (EPF) जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता था, उनके लिए निगम का गठन संजीवनी साबित होगा।
क्या होगा निगम का काम?
नवगठित आउटसोर्स सेवा निगम न केवल विभिन्न विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती करेगा, बल्कि उनके वेतन, अवकाश, मातृत्व लाभ और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे तमाम पहलुओं की जिम्मेदारी भी उठाएगा। इससे कर्मचारियों को एजेंसियों के कमीशन व जीएसटी जैसे झंझटों से भी निजात मिलेगी।
पेंशन, मातृत्व अवकाश और फ्री इलाज
सरकार की योजना के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों को 180 दिन की मैटरनिटी लीव, आकस्मिक अवकाश, सेवा अवधि पूरी होने पर पेंशन और ईएसआई अस्पतालों में मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यह अब तक केवल स्थायी कर्मचारियों को ही उपलब्ध थी।
आउटसोर्स कर्मियों के लिए ‘नई सुबह’
आपको बता दें की यह फैसला प्रदेश के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए 'नई सुबह' की तरह है। लंबे समय से उठ रही मांगों के बीच योगी सरकार का यह कदम सामाजिक न्याय और श्रम कल्याण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
कर्मचारियों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
राज्य सरकार का कहना है कि वह श्रमिकों के अधिकारों के संरक्षण और उनकी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आउटसोर्स सेवा निगम इसी दिशा में एक ठोस पहल है, जिससे भविष्य में रोजगार का ढांचा अधिक पारदर्शी और जवाबदेह होगा।
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