महिलाओं के हक में बड़ा फैसला, यूपी में नई नीतियों का ऐलान,

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल की है। सीएम योगी के निर्देश पर तैयार की गई आउटसोर्सिंग सेवा निगम की रूपरेखा में महिलाओं, खासतौर पर विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को खास प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना का मकसद राज्य की महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और समान अवसर सुनिश्चित करना भी है।

महिलाओं को मिलेगा 180 दिन का मातृत्व अवकाश

ड्राफ्ट के अनुसार, निगम में कार्यरत सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश वेतन सहित मिलेगा। हालांकि यह सुविधा केवल दो बच्चों तक सीमित रहेगी। यह निर्णय महिला कर्मचारियों को कार्यस्थल पर सुरक्षा और सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

विधवा महिलाओं को मिलेगी आजीवन पेंशन

निगम की नीति के तहत विधवा महिला कर्मचारियों को 1000 रुपये से लेकर 2900 रुपये तक की आजीवन पेंशन देने की व्यवस्था की गई है। यह पहल उन महिलाओं के लिए सहारा बनेगी जो अपने जीवनसाथी को खो चुकी हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

मेधावी बालिकाओं को मिलेगा प्रोत्साहन

फोर्थ ग्रेड महिला कर्मचारियों की ऐसी बेटियां जो मेडिकल, एमटेक, आईआईटी, आईआईएम, पीएचडी या यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में चयनित होंगी, उन्हें निगम के वेलफेयर फंड से एकमुश्त एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में बेहद अहम है।

वन स्टॉप शॉप बनेगा निगम

यह निगम एक वन स्टॉप शॉप के तौर पर काम करेगा, जो राज्य सरकार के सभी विभागों, सरकारी अनुदान प्राप्त संस्थाओं और अन्य निकायों को आउटसोर्सिंग के तहत कार्मिक उपलब्ध कराएगा। इससे भर्ती प्रक्रिया केंद्रीकृत और पारदर्शी बनेगी।

नारी सशक्तिकरण

उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना न केवल रोजगार के अवसरों में महिलाओं को बराबरी का हक देगी, बल्कि समाज में उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

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