जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि जिले के सभी सीबीएसई और आईसीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों के उपयोग की जांच कराई गई थी। 16 अप्रैल को पूरे जिले में विशेष अभियान के तहत 34 टीमें स्कूलों का निरीक्षण करने भेजी गई थीं। इन टीमों ने अपनी रिपोर्ट डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) श्यामा कुमार के माध्यम से प्रशासन को सौंपी।
जांच में सामने आई ये गड़बड़ियां:
33 स्कूलों में एनसीईआरटी की जगह निजी प्रकाशकों की किताबें अनिवार्य रूप से पढ़ाई जा रही थीं। छात्रों को विशेष दुकानों से ही किताबें खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा था। फीस वसूली में भी अनियमितता की शिकायते आ रही थी।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह नियमों का खुला उल्लंघन है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी स्कूलों को सात दिन के भीतर जुर्माना जमा कर उसकी रसीद जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो आगे और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की सख्ती से स्कूल संचालकों में हड़कंप
आपको बता दें की प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद जिले के अन्य निजी स्कूलों में भी हलचल मच गई है। जिला प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण जारी रहेंगे और छात्रों व अभिभावकों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा।
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