बिहार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की लापरवाही और फर्जी उपस्थिति के मामलों को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। पटना जिले में करीब 1500 शिक्षकों पर निगरानी रखी जा रही है, जिनमें से लगभग 500 शिक्षक ही सही तरीके से "मार्क ऑन ड्यूटी" पर पाए गए हैं। शेष लगभग 1000 शिक्षकों पर फर्जी हाजिरी दर्ज कराने के गंभीर आरोप हैं।
शिकायत करने का मिला आम लोगों को अधिकार
अब शिक्षा विभाग ने आम नागरिकों को भी अधिकार दिया है कि वे इस प्रकार की अनियमितताओं की शिकायत कर सकते हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) संजय कुमार ने संबंधित अधिकारियों को जांच के आदेश दे दिए हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए ईमेल आईडी – deopatnaagainstcorruption@gmail.com जारी किया गया है, जहां लोग प्रमाणिकता के साथ जानकारी साझा कर सकते हैं। डीईओ ने यह भी आश्वासन दिया है कि शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर सेल्फी से हो रही उपस्थिति
शिक्षकों को प्रतिदिन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर ‘इन’ और ‘आउट’ सेल्फी के जरिए उपस्थिति दर्ज करनी होती है। मगर जांच में सामने आया है कि कई शिक्षक स्कूल में मौजूद नहीं रहते हुए भी सेल्फी के जरिए फर्जी हाजिरी दर्ज करवा रहे हैं। कभी-कभी तो दूसरे व्यक्ति उनकी जगह फोटो भेज कर उपस्थिति दर्ज कर देते हैं।
सभी जिलों में होगी रैंडम जांच
जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा जल्द ही रैंडम तरीके से जांच की जाएगी ताकि फर्जी उपस्थिति की पुष्टि की जा सके। इसके लिए एक सूची भी तैयार की जा रही है। डीईओ संजय कुमार ने कहा कि कुछ शिक्षक स्कूल का माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं और शिक्षा जैसे गंभीर कार्य से उनका कोई सरोकार नहीं है। सरकार लगातार स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण को सुधारने के लिए नई योजनाएं ला रही है। हालांकि कुछ शिक्षक अभी भी अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। विभाग ने साफ कर दिया है कि अब ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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