बता दें की इस प्रणाली पर लगभग 175 बिलियन डॉलर खर्च होंगे, और इसका उद्देश्य अंतरिक्ष आधारित हथियारों के ज़रिए अमेरिका की मिसाइल रक्षा क्षमताओं को अभूतपूर्व स्तर तक मजबूत करना है। ट्रंप ने उम्मीद जताई कि यह प्रोजेक्ट उनके कार्यकाल के समाप्त होने से पहले, यानी 2029 तक, पूरी तरह कार्यान्वित हो जाएगा।
जनरल गुएटलीन को सौंपी गई ज़िम्मेदारी
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस प्रोजेक्ट की निगरानी की ज़िम्मेदारी जनरल माइकल गुएटलीन को सौंपी है, जो वर्तमान में यूएस स्पेस ऑपरेशंस के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। ट्रंप ने उन्हें "स्पेस मिलिट्री टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ" बताते हुए भरोसा जताया कि गोल्डन डोम परियोजना उनके नेतृत्व में समय पर पूरी होगी।
स्पेस फोर्स की नई भूमिका
इस परियोजना में यूएस स्पेस फोर्स की भूमिका भी अहम रहने वाली है। स्पेस फोर्स के प्रमुख, जनरल चांस साल्ट्ज़मैन, ने कांग्रेस की एक सुनवाई में बताया कि "गोल्डन डोम के लिए स्पेस-बेस्ड हथियार एक नई और उभरती हुई सैन्य ज़रूरत को दर्शाते हैं, जिसे पहले कभी इस स्तर पर नहीं समझा गया।" उन्होंने आगे कहा कि इस पहल से अमेरिका की अंतरिक्ष में सैन्य मौजूदगी को निर्णायक बढ़ावा मिलेगा।
रणनीतिक महत्व
विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रणाली दुश्मन देशों से दागी गई मिसाइलों को अंतरिक्ष में ही निष्क्रिय करने में सक्षम होगी, जिससे अमेरिका की हवाई सीमाएं कहीं अधिक सुरक्षित होंगी। इस परियोजना को इस्राइली 'आयरन डोम' सिस्टम से प्रेरणा मिली है, जिसे दुनिया के सबसे प्रभावी डिफेंस सिस्टम्स में गिना जाता है।
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