1. बोलीविया – 21 मिलियन टन
दक्षिण अमेरिका का यह देश दुनिया के सबसे बड़े लिथियम भंडार का स्वामी है। बोलीविया के सालार दे उयूनी नमक के मैदानों में छिपे खजाने के कारण इसे "लिथियम ट्रायंगल" का ताज पहनाया गया है। हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता और तकनीकी चुनौतियां अभी भी इसके दोहन में बाधा बनी हुई हैं।
2. अर्जेंटीना – 20 मिलियन टन
बोलीविया का पड़ोसी देश अर्जेंटीना भी लिथियम की दौड़ में पीछे नहीं है। यहाँ के सालार डेल होमब्रे मुएर्तो जैसे इलाकों में निवेश बढ़ रहा है, और वैश्विक कंपनियाँ सक्रिय रूप से पार्टनरशिप कर रही हैं।
3. संयुक्त राज्य अमेरिका – 12 मिलियन टन
यूएस अपने नेवादा राज्य में लिथियम के बड़े भंडार के चलते लिथियम उत्पादन बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अमेरिका अब इस रणनीतिक धातु के लिए चीन पर निर्भरता कम करने के प्रयासों में जुटा है।
4. चिली – 11 मिलियन टन
चिली, दुनिया का परंपरागत लिथियम निर्यातक रहा है। अटाकामा रेगिस्तान की नमक झीलों में स्थित विशाल भंडार इसे लिथियम बाज़ार का पुराना खिलाड़ी बनाते हैं।
5. चीन – 5.4 मिलियन टन
चीन न केवल लिथियम का एक प्रमुख उपभोक्ता है, बल्कि अब उसका खुद का भंडार भी मज़बूत स्थिति में है। साथ ही, चीन ने अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में लिथियम खनन के लिए भारी निवेश किया है।
6. ऑस्ट्रेलिया – बड़ा लिथियम उत्पादक
हालांकि ऑस्ट्रेलिया के भंडार की मात्रा कुछ देशों से कम है, लेकिन उत्पादन में यह सबसे आगे है। ग्रीनबुशेस जैसी खदानें इसे वैश्विक EV सप्लाई चेन में अहम बनाती हैं।
7. जर्मनी – 3.2 मिलियन टन
यूरोप के दिल में बसा जर्मनी अब अपनी राइन घाटी में भू-तापीय जल से लिथियम निकालने की नई तकनीक पर काम कर रहा है। इससे इसे ऊर्जा आत्मनिर्भरता की नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
8. कनाडा – 2.9 मिलियन टन
कनाडा अपनी ठंडी ज़मीन के नीचे छुपे खजाने की खोज में है। इसके क्यूबेक और ओंटारियो जैसे क्षेत्र अब निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं।
9. रूस – यहां भी लिथियम मौजूद हैं।
10. ब्राजील – ब्राजील में उपलब्ध डेटा सीमित है, लेकिन हाल के वर्षों में लिथियम खनन की गतिविधियाँ बढ़ी हैं।
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