इस संबंध में प्रमुख सचिव आवास पी. गुरुप्रसाद द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना को राज्य के सभी विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषदों को भेजा गया है और उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे इस नई प्रक्रिया का तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करें।
पुराने सिस्टम में थी गड़बड़ियां
अब तक नक्शा पास कराने की प्रक्रिया OBPAS (Online Building Plan Approval System) सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जाती थी, लेकिन इसमें कई तकनीकी कमियां थीं। आवेदकों को नक्शा सबमिट करने के बाद भारी संख्या में आपत्तियां झेलनी पड़ती थीं, जिनका उत्तर देना जटिल और समय लेने वाला होता था। इससे नक्शा पास होने में अनावश्यक विलंब होता था, और कई बार फर्जीवाड़े की भी शिकायतें आती थीं।
सॉफ्टवेयर और ई-केवाईसी
सरकार ने अब इन खामियों को दूर करते हुए एक नई डिजिटल प्रणाली 'फास्टपास (FastPass)' तैयार की है। इसके तहत नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को और तेज़, पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाया जाएगा। फास्टपास के जरिए आवेदन करने वाले को: अपने आधार नंबर की पुष्टि करनी होगी, ई-केवाईसी कराना होगा, एक स्वप्रमाणन कॉलम में यह भी स्पष्ट करना होगा कि वह भूखंड का मूल स्वामी है या नहीं।
धोखाधड़ी पर कसेगा शिकंजा
बीते वर्षों में कई मामलों में यह पाया गया कि नक्शा पास कराने के लिए मूल मालिक की जानकारी के बिना कुछ अन्य व्यक्ति आवेदन कर देते थे। इन प्रयासों पर रोक लगाने के लिए आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य किया गया है। अब कोई भी बिना ई-केवाईसी के नक्शा सबमिट नहीं कर सकेगा।
कानूनी प्रावधानों के तहत लागू होगा आधार सत्यापन
सरकार की अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि यह पूरी प्रक्रिया आधार (वित्तीय और अन्य लाभों का लक्षित वितरण) अधिनियम-2016 और उसके अधीन बनाए गए नियमों के तहत लागू की जा रही है। यानी यह बदलाव न केवल तकनीकी है, बल्कि कानूनी रूप से भी पूरी तरह वैध और सुरक्षित है।

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