1. हार्मोनल असंतुलन
मोटापा शरीर में एस्ट्रोजन (स्त्री हार्मोन) का स्तर बढ़ा देता है और टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) का स्तर घटा देता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी सीधे तौर पर स्पर्म उत्पादन को प्रभावित करती है, जिससे स्पर्म की मात्रा और गुणवत्ता दोनों घटती हैं।
2. अधिक गर्मी और अंडकोष पर प्रभाव
मोटे पुरुषों के शरीर में अतिरिक्त चर्बी अंडकोष (testicles) के आसपास गर्मी बढ़ा देती है। अंडकोष को स्पर्म उत्पादन के लिए सामान्य से थोड़े कम तापमान की आवश्यकता होती है। बढ़ा हुआ तापमान स्पर्म की गुणवत्ता और गतिशीलता (motility) को नुकसान पहुंचा सकता है।
3. इंसुलिन रेसिस्टेंस और सूजन
मोटापा अक्सर इंसुलिन रेसिस्टेंस और क्रॉनिक सूजन (chronic inflammation) का कारण बनता है। ये दोनों स्थितियाँ शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ाती हैं, जिससे स्पर्म सेल्स को नुकसान होता है और डीएनए क्वालिटी भी प्रभावित होती है।
4. यौन स्वास्थ्य पर असर
मोटापा यौन इच्छा (libido) को कम कर सकता है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जो कि गर्भधारण की संभावना को और भी कम कर देता है।
5. कम शारीरिक सक्रियता
मोटे लोगों में अक्सर शारीरिक गतिविधि की कमी होती है। व्यायाम की कमी से शरीर में रक्त संचार और हार्मोन बैलेंस बिगड़ता है, जो स्पर्म काउंट को प्रभावित करता है।
6. वजन कम करने से सुधार संभव
अच्छी बात यह है कि अगर पुरुष वजन घटाते हैं—संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर—तो उनके स्पर्म काउंट, गुणवत्ता और प्रजनन क्षमता में सुधार देखा गया है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह सिद्ध हो चुका है।
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