दुनिया में क्रूज मिसाइल की रेस: भारत के पास सबसे तेज

नई दिल्ली। दुनिया भर में सैन्य तकनीकों की होड़ में क्रूज मिसाइलें एक अहम हथियार बन चुकी हैं। इन मिसाइलों की खासियत होती है – उच्च सटीकता, बेहद कम रडार पहचान, और लक्ष्य पर तीव्र गति से हमला करने की क्षमता। जैसे-जैसे वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य बदल रहा है, वैसे-वैसे प्रमुख देश अपनी क्रूज मिसाइल क्षमताओं को तेज़ी से विकसित कर रहे हैं। इस दौड़ में भारत सबसे आगे हैं।

क्या है क्रूज मिसाइल?

क्रूज मिसाइलें ऐसी प्रक्षेपास्त्रें होती हैं जो जमीनी सतह, समुद्र या हवा से दागी जा सकती हैं और ये कम ऊंचाई पर उड़ते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँचती हैं। ये मिसाइलें 'जमीन पर उड़ान' (terrain hugging) तकनीक का इस्तेमाल करती हैं ताकि रडार पकड़ में ना आएं।

भारत की 'ब्रह्मोस': दुनिया की सबसे तेज़ क्रूज मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल, भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई है। इसका नाम दो नदियों — भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा — से लिया गया है। यह मिसाइल मैक 2.8 से मैक 3.0 (करीब 3700 किमी/घंटा) की गति से उड़ सकती है, जो इसे विश्व की सबसे तेज़ क्रूज मिसाइल बनाती है।

अन्य प्रमुख देशों की क्रूज मिसाइलें

अमेरिका: टॉमहॉक (Tomahawk), स्पीड सबसोनिक (मैक 0.75), रेंज 1,600 किमी

रूस: कलिब्र, स्पीड सबसोनिक / सुपरसोनिक, रेंज 1,500-2,500 किमी

चीन: सीजे-10 (CJ-10), स्पीड सबसोनिक, रेंज 1,500 किमी

फ्रांस: स्कैल्प (SCALP), स्पीड सबसोनिक, रेंज 560 किमी

इनमें से अधिकतर क्रूज मिसाइलें Subsonic (मैक 1 से धीमी) श्रेणी की हैं, जो उन्हें भले ही रेंज में बेहतर बनाएं, लेकिन स्पीड के मामले में भारत की ब्रह्मोस से पीछे हैं। भारत के ब्रह्मोस की स्पीड मैक 2.8 से मैक 3.0 (करीब 3700 किमी/घंटा) की हैं।

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