इस फैसिलिटी का महत्व:
1 .तेजी से स्वदेशी इंजन विकास: 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों जैसे AMCA के लिए जरूरी उन्नत और भरोसेमंद इंजनों का विकास और परीक्षण यहाँ किया जाएगा, जिससे विमान विकास की गति बढ़ेगी।
2 .130 kN तक की थ्रस्ट टेस्टिंग: यह क्षमता आधुनिक लड़ाकू विमान इंजन की मांगों को पूरा करती है, जिससे भारत अपने विमान तकनीक को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना सकता है।
3 .स्वदेशी रक्षा उत्पादन में मदद: यह फैसिलिटी भारत के आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग को सशक्त बनाएगी और नई टेक्नोलॉजी के विकास को गति देगी।
राजनुकुंटे टेस्ट फैसिलिटी में क्या होगा:
राजनुकुंटे टेस्ट फैसिलिटी में इंजन परीक्षण, प्रमाणीकरण और विकास के लिए अत्याधुनिक टेस्ट बेड होगा। पहला परीक्षण लगभग 2026 के मध्य तक शुरू होने की संभावना है, जो भारत के एयरो-इंजन क्षेत्र के लिए मील का पत्थर होगा। इससे भारत को स्वदेसी जेट इंजन बनाने में आसानी होगी।
कावेरी इंजन का नया अवतार:
कावेरी इंजन का एक नया वेरिएंट KDE (Kaveri Derivative Engine), जो नॉन-आफ्टरबर्निंग है, इस फैसिलिटी में टेस्ट होगा। KDE विशेष रूप से DRDO के स्टेल्थ मानवरहित कॉम्बैट एरियल व्हीकल के लिए डिजाइन किया गया है। अभी तक इसे बेंगलुरु और रूस में उच्च-ऊंचाई सिमुलेशन में टेस्ट किया गया है और 49-51 kN स्थिर थ्रस्ट आउटपुट मिला है।
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